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'आचार्य' शब्द का अर्थ क्या होता है?

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'आचार्य' शब्द का अर्थ  क्या  होता है?   हरे कृष्ण, मेरे प्यारे पाठकों!  'आचार्य' शब्द का क्या अर्थ होता है?  यह प्रश्न आपके मन में भी कभी अवश्य आया होगा।   आपने श्रीशङ्कराचार्य (अद्वैतवाद दर्शन के संस्थापक), श्रीरामानुजाचार्य (विशिष्टाद्वैतवाद दर्शन के संस्थापक, श्री सम्प्रदाय), श्रीमध्वाचार्य (शुद्ध द्वैतवाद दर्शन के संस्थापक, ब्रह्म सम्प्रदाय), श्रीनिम्बार्काचार्य (द्वैताद्वैतवाद दर्शन के संस्थापक, कुमार सम्प्रदाय) आदि महान् गुरुजनों के नाम में 'आचार्य' शब्द लिखा हुआ देखा होगा। तो आइए अब जानते हैं इस प्रसिद्ध शब्द का सही अर्थ क्या होता है? ' आचार्य अर्थात् आदर्श शिक्षक   चैतन्य महाप्रभु ने कहा है कि शिक्षा देने के पूर्व शिक्षक को ठीक-ठीक आचरण करना चाहिए। जो इस प्रकार शिक्षा देता है वह आचार्य या आदर्श शिक्षक कहलाता है। आम लोगों को हमेशा ऐसे नेता की आवश्यकता होती है, जो व्यावहारिक आचरण द्वारा जनता को शिक्षा दे सके। यदि नेता स्वयं धूम्रपान करता है तो वह जनता को धूम्रपान बन्द करने की शिक्षा नहीं दे सकता। इसलिए शिक्षक को चाहिए कि आम लोगों को शिक्षा देने के लिए