“कीलोत्पाटीव वानरः” - कील उखाड़ने वाले बन्दर की कहानी || श्रील प्रभुपाद की कहानियाँ - 1
नमस्कार मित्रों, आज का ब्लॉग पोस्ट है - “कीलोत्पाटीव वानरः” - कील उखाड़ने वाले बन्दर की कहानी।
कथा
शिक्षा
जिस मनुष्य का जिस काम से कोई लेना-देना नहीं होता है यदि वह उस काम को करता है, तो वह कील उखाड़ने वाले बन्दर की तरह नष्ट हो जाता है।
बन्दर का काम कारीगर की नकल करना नहीं था, लेकिन वह नकल करना चाहता था। परिणाम यह हुआ कि वह मर गया। तो यह दक्षता नहीं है।
दक्षता यह है जिसे आप बस वह करने का प्रयत्न करते हैं जो आप सरलता से कर सकते हैं। कोई भी कठिन कार्य मत अपनाओ क्योंकि कृष्ण यह नहीं चाहते कि आप कोई कठिन कार्य करो। आप जो कुछ भी जानते हैं, आप बस उसे करो। उसे कृष्णभावनामृत में करो।
आपको कृष्ण की सेवा के लिए कुछ भी नया नहीं सीखना। आप जो कुछ भी जानते हैं, बस उसे कृष्णभावनामृत में लगाओ, तब आप सफल हो जाओगे।
🙌🏻 श्रील प्रभुपाद की जय
🙏🏻 हरे कृष्ण (Hare Kṛṣṇa)
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